देहरादून।उत्तराखंड राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ पर राजधानी दून में उत्सवों की श्रृंखला के बीच थानो के सिंधवाल गांव में शुक्रवार को एक भव्य एयरो शो और पैराग्लाइडिंग एक्यूरेसी स्ट्रेंथ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अद्भुत आयोजन ने राज्य स्थापना के जश्न को और भी रोमांचक बना दिया। देशभर के आठ राज्यों से आए 18 अनुभवी ग्लाइडर पायलटों ने आसमान में अपनी अद्भुत उड़ानों और करतबों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने लगभग 1300 मीटर की ऊंचाई से उड़ान भरते हुए करीब 12 मिनट तक आसमान में पैराग्लाइडिंग के अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किए। पायलटों ने नीचे बने लक्ष्य गोले पर सटीक लैंडिंग का प्रदर्शन कर अपनी नियंत्रण क्षमता और सटीकता का परिचय दिया। सबसे नजदीक लैंडिंग करने वाले पायलट को विजेता घोषित किया गया।
इस रोमांचक मुकाबले में देहरादून के गौरव पंवार ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, टिहरी के जितेंद्र सिंह दूसरे और भीमताल के भारत तीसरे स्थान पर रहे। इन विजेताओं ने राज्य का गौरव बढ़ाया और दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट से मैदान गूंज उठा।
प्रतियोगिता का शुभारंभ क्षेत्रीय विधायक बृजभूषण गैरोला ने किया। उन्होंने कहा कि बीते 25 वर्षों में उत्तराखंड ने शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने बताया कि साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है, ताकि राज्य के युवाओं में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार हो।
कार्यक्रम में गौरांग राजपाल ने बताया कि प्रतियोगिता का उद्देश्य पैराग्लाइडिंग के क्षेत्र में सटीकता, संतुलन और नियंत्रण की क्षमता का परीक्षण करना है। उन्होंने कहा कि “जो पायलट हवा की गति और दिशा को भांपते हुए सबसे सटीक लैंडिंग करता है, वही असली विजेता होता है।”
इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष राजेंद्र तड़ियाल, वरिष्ठ नेता संपूर्ण सिंह रावत, विक्रम नेगी, मनीष यादव, चंद्रप्रकाश तिवाड़ी, गीतांजलि रावत और ललित जायवाल समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
पैराग्लाइडिंग एक्यूरेसी स्ट्रेंथ प्रतियोगिता ऐसी प्रतिस्पर्धा होती है जिसमें पायलट हवा की दिशा और गति को ध्यान में रखते हुए अपने ग्लाइडर को नियंत्रित करते हुए निर्दिष्ट लक्ष्य पर सटीक लैंडिंग करते हैं। यह प्रतियोगिता न केवल कौशल बल्कि साहस और अनुशासन की भी परीक्षा होती है।
इस आयोजन ने उत्तराखंड की रजत जयंती के उत्सव को नई ऊंचाई दी और राज्य को साहसिक खेलों के क्षेत्र में एक बार फिर राष्ट्रीय मानचित्र पर स्थापित किया।

