जोशीमठ। विश्व प्रसिद्ध हिमस्थल औली व गौरसों बुग्याल में इस सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। बर्फबारी के बाद औली का नजारा बेहद खूबसूरत लग रहा है। हालांकि अभी औली में हल्की बर्फबारी हुई है, लेकिन नवंबर माह में ही बर्फबारी होने से पर्यटन व्यवसायियों को उम्मीद जगी है।
चमोली जिले में गुरुवार को बदरीनाथ धाम सहित जोशीमठ के औली में इस सीजन की पहली बर्फबारी से पर्यटकों में खासा उत्साह है। बदरीनाथ धाम में गुरुवार को हुई बर्फबारी के चलते दो इंच से अधिक बर्फ जमने से तीर्थयात्री भी भगवान बद्री विशाल के दर्शन कर बर्फबारी का आनंद ले रहे हैं।
वहीं विश्व प्रसिद्ध हिमक्रीडा स्थल औली में इस सीजन की पहली बर्फबारी से स्थानीय व्यवसायियों को भी खासी राहत मिली है। बर्फबारी से औली में दो से आठ फरवरी को होने वाले नेशनल स्किंग चैंपियनशिप व अंतराष्ट्रीय स्तर की फीस रेस की सफल संचालन की उम्मीद जगी है। पिछले कई सालों से समय पर बर्फबारी न होने से शीतकालीन खेल की तिथि बढ़ने के वाद रद्द हो रही थी।
इस साल अभी से औली जोशीमठ के लिए पर्यटकों की पूछताछ आने लग गईं है। 25 दिसंबर तक की होटलों की बुकिंग जोशीमठ औली में आने लगी है, पर्यटक भी औली में हुई पहली बर्फबरी से बेहद खुश हैं। जोशीमठ नृसिंह कॉम्प्लेक्स के मैनेजर प्रदीप मंद्रवाल का कहना है कि जिस तरह से इस साल नवम्बर माह से बर्फबारी शूरू हो गई है वह औली के भविष्य के लिए खुशखबरी है।
पर्यटन नगरी चकराता क्षेत्र में मौसम के बदले मिजाज के बाद हल्की वर्षा होने पर कड़ाके की ठंड ने लोगों को कंपा दिया। गुरुवार को सांझ ढलने से पहले ही बाजार में सन्नाटा पसर गया। सुबह से ही चकराता क्षेत्र में गुमसुम मौसम रहा और सूर्यदेव की लुकाछिपी भी देखने को मिली। चकराता के सामने पर्वतराज हिमालय की पहाड़ियों पर बर्फ होने से बर्फीली ठंडी हवाएं चलनी शुरू हो गई, जिसने कंपकपा दिया।
गुरुवार शाम को 4 बजे के करीब हल्की-फुल्की बूंदाबांदी शुरू होने पर ठंड अधिक बढ़ गई। जिस कारण बाजारों में सन्नाटा पसर गया। इक्का-दुक्का लोग ही बाजार में आवश्यक कार्य व सामान खरीदने आए। ठंड से बचने के लिए हर कोई मोटे जैकेट में नजर आया। लोग ठंड से बचने के लिए अपने अपने घरों में कैद हो गए और हीटर व अंगीठियों का सहारा लिया।
चकराता के साथ-साथ पर्यटक स्थल लोखंडी, मुंडाली, कोटी कनासर, देववन आदि स्थलों पर हल्की वर्षा से कड़ाके की ठंड है। ठंड अधिक होने के कारण पर्यटक भी चकराता आने में कतरा रहे हैं। आसपास के इलाकों से रोज मोटरसाइकिल का सफर करने वाले लोग ठंड के कहर से बचने के लिए अपने आप को मोटे जैकेट व दस्ताने टोपी आदि का इस्तेमाल कर रहे हैं।
स्थानीय निवासी आनंद राणा, नैन सिंह राणा, केशर सिंह चौहान, राजेंद्र चौहान, प्रताप सिंह चौहान, सुरेंद्र रावत, राम सिंह चौहान, कुंवर सिंह राणा आदि का कहना है कि चकराता क्ष्त्र में इस वर्ष ठंड अधिक है। यहां मोटे व ऊनी कपड़े व टोपी बिना काम नहीं चल रहा है। कड़ाके की ठंड का असर चकराता बाजार के व्यापार पर भी देखी जा रही है। गुरुवार की ठंड से ऐसा प्रतीत हुआ कि जैसे मानो बर्फ पड़ गई हो। अगर इसी तरीके की ठंड रही तो बूढ़ी दीपावली में हिमपात हो सकता है।