हम सभी जब किसी हिल स्टेशन पर घूमने का प्लान बनाते हैं। तो हमारी लिस्ट में कश्मीर, शिमला, मनाली जैसे हिल स्टेशन सबसे पहले आते हैं। लेकिन आपको एक बार छत्तीसगढ़ के मिनी शिमला को भी एक्सप्लोर करना चाहिए। छत्तीसगढ़ धान के कटोरा नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि छत्तीसगढ़ खनिज संसाधन से संपन्न होने के अलावा पर्यटक स्थल के लिए भी काफी फेमस है।
यह राज्य आदिवासी संस्कृति का एक अनोखा संगम है। इस राज्य के उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्र में सैलानियों के घूमने-फिरने की बहुत सारी जगहें हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में एक जगह मैनपाट है। जिसको इस राज्य का शिमला भी कहा जाता है। सर्दियों में मैनपाट की खूबसूरती का कोई भी कायल हो सकता है।
हम सभी जब किसी हिल स्टेशन पर घूमने का प्लान बनाते हैं। तो हमारी लिस्ट में कश्मीर, शिमला, मनाली जैसे हिल स्टेशन सबसे पहले आते हैं। लेकिन मैनपाट के बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं है। ऐसे में अगर आप भी घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो आप छत्तीसगढ़ के मैनपाट को एक्सप्लोर कर सकते हैं। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको राज्य के मिनी शिमला यानी की मैनपाट के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
मैनपाट उत्तरी छत्तीसगढ़ की खूबसूरत वादियों में बसा है। आप यहां पर परपटिया, तिब्बती मठ, तिब्बती कैंप, मेहता प्वाइंट, उल्टा पानी, टाइगर पॉइंट, टांगीनाथ मंदिर, घागी जलप्रपात, लिबरा जलप्रपात, जलपरी और जैसे मनमोहक जगहों को एक्सप्लोर कर सकते हैं। मैनपाट में सैलानियों का आना-जाना लगा रहता है। इसलिए यहां पर ठहरने की अच्छी व्यवस्था मिल जाएगी। आप यहां पर लॉज, होटल और रिसॉर्ट आदि में रुक सकते हैं।
साथ अपनी पसंद और सुविधा अनुसार ठहरने की व्यवस्था देख सकते हैं। बता दें कि आपको सर्दियों और बरसात के मौसम में यहां घूमने का प्लान जरूर बनाना चाहिए। क्योंकि मॉनसून में यहां चारों ओर हरियाली ही हरियाली दिखती है। तो वहीं गर्मियों में ठंडी हवा न सिर्फ शरीर बल्कि मन को भी सुकून देने का काम करती हैं।
दिल्ली से आप प्लेन के जरिए छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंच सकते हैं। फिर रायपुर से बस या ट्रेन के जरिए आप दुर्ग-अंबिकापुर जाएं। अंबिकापुर से ऑटो या टैक्सी से आप सीधे मैनपाट पहुंच सकते हैं। बता दें कि अंबिकापुर से मैनपाट की दूरी 40 किमी है।