देहरादून। उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव का प्रचार अब चरम पर है। सरकार के मुखिया और स्टार प्रचारक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रचार अभियान को अंतिम रूप देने के लिए प्रतिदिन तीन से चार विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर पार्टी के पांचों उम्मीदवारों के लिए वोट मांग रहे हैं। मुख्यमंत्री अब तक छोटी-बड़ी करीब 80 सभाओं को संबोधित कर डबल इंजन सरकार की उपलब्धियां गिना चुके हैं। उनका मानना है कि पांचों सीटों पर भाजपा की जीत पक्की है। जनता सिर्फ मतदान का इंतजार कर रही है।
सवाल: आप लगातार लगभग पांचों लोकसभा सीटों पर दर्जनों चुनावी सभाएं कर चुके हैं। क्या चुनावी माहौल बन रहा है? भाजपा कहां मजबूत कहां कमजोर है?
जवाब: पूरे प्रदेश में एक सा माहौल है। लोगों में जोश व उत्साह है। लोकतंत्र के महापर्व को लोग उत्सव के रूप में ले रहे हैं। पिछले तीन चार महीने में छोटी-बड़ी लगभग 80 सभाओं में जा चुका हूं। इस बार का चुनाव दलों व पार्टियों से ऊपर है। लोग केवल मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए मतदान का इंतजार कर रहे हैं।
सवाल: भाजपा कह रही है कि मोदी मैजिक है। एक धारणा बनी कि भाजपा शानदार प्रदर्शन करने जा रही। इसके बावजूद देशभर में खासकर उत्तराखंड में पूर्व मंत्री व विधायकों और कांग्रेस के बड़े नेताओं को पार्टी में लेने की आवश्यकता क्यों पड़ रही है?
जवाब: देखिए, इस समय सब लोग देश के विकास के साथ चलना चाहते हैं। सबको दिख रहा है कि भाजपा में ही भविष्य है। 15 हजार से ज्यादा विभिन्न दलों के लोगों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट से मैंने अनुरोध किया कि अब पार्टी में किसी की भी ज्वाइनिंग कराए तो एक मानक हो और स्क्रीनिंग भी की जाए।
सवाल: लेकिन कांग्रेस का आरोप है कि ईडी, आयकर व अन्य एजेंसियों का भय दिखाकर नेताओं पर पार्टी छोड़ने का दबाव बनाया गया। जिन नेताओं पर भाजपा दागी होने का आरोप लगाती थी क्या वे भाजपा में जाकर बेदाग हो गए?
जवाब: अगर किसी के ऊपर कोई आरोप की बात आती है तो वह भाजपा में आने से समाप्त नहीं होंगे। आरोप चलते रहेंगे। ऐसी कोई जानकारी आती है तो जो कानूनी प्रक्रिया होती है, उसे हम रोकने वाले नहीं है। मुझे नहीं लगता उत्तराखंड में कोई ऐसा है। होगा तो निश्वित रूप से कार्रवाई होगी।
सवाल: दो बार से जनता का मोदी सरकार पर भरोसा है। उत्तराखंड में ग्रीन बोनस, पलायन, आपदा जैसे बड़े जमीनी मुद्दे जस के तस हैं। तीसरी बार मतदाता आपकी पार्टी को वोट क्यों दें?।
जवाब: उत्तराखंड में पिछले 10 साल में बहुत काम हुए हैं। जिनके बारे में लोग सोचते नहीं थे। दो लाख करोड़ की योजनाएं स्वीकृत हुई है। चारधाम ऑल वेदर रोड बनी। एक कोने से दूसरे कोने को जोड़ने के लिए भारत माला श्रृंखला में सड़कों का निर्माण, केदारनाथ पुनर्निर्माण, केदारनाथ व हेमकुंड का रोपवे, बदरीनाथ मास्टर प्लान, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का काम तेजी से चल रहा है। दूसरा एम्स संस्थान ऊधमसिंह नगर के किच्छा में बनना है। लखवाड़, जमरानी बांध परियोजना की स्वीकृति मिली है। देहरादून का एयरपोर्ट विकसित किया गया। दिल्ली से देहरादून एलिवेटेड रोड निर्माण किया जा रहा। आने वाले समय में मानसखंड यात्रा शुरू होने वाली है। आदि कैलाश, पार्वती कुंड, जौलिकांग, जागेश्वर धाम जाकर पीएम ने देश दुनिया का ध्यान उत्तराखंड की तरफ आकर्षित किया। शारदा कॉरिडोर के अलावा गंगा-कॉरिडोर ऋषिकेश व हरिद्वार में बनाने का निर्णय लिया है। कालसी में यमुना नदी में हरिपुर घाट का निर्माण कार्य शुरू किया। गढ़वाल व कुमाऊं दो नये शहर स्थापित करने की योजना है। चारधाम यात्रा में हर साल पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। प्रदेश की कुल आबादी से छह-सात गुना अधिक व्यवस्था करनी होती है। उनके लिए आने वाले 50 साल को देखते हुए योजना बनाई जा रही है। पीएम ने माणा गांव को देश के पहले गांव के रूप में पहचान दी। पीएम ने केदारनाथ में कहा था आने वाला दशक उत्तराखंड का दशक होगा। विकास का श्रेय मोदी को जाता है। उत्तराखंड के लोग उन्हें परिवार का सदस्य मानते हैं।
सवाल: आपकी सरकार ने यूसीसी, नकल अध्यादेश, दंगारोधी कानून समेत कई सख्त फैसले लिए। इन मुद्दों का चुनावों में असर दिख रहा है क्या?
जवाब: मैं यूसीसी की बात करूं तो हमारी पार्टी का संकल्प था कि यूसीसी लागू होना चाहिए। हमें इसे लागू करने का गौरव मिला है। हम विधानसभा चुनाव में इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच गए थे। हमने यूसीसी की गारंटी को पूरा किया। नकल अध्यादेश का मकसद था प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो। पहले भर्तियों में प्रतिभावान युवाओं का चयन नहीं होता था। बड़े पैमाने में धांधली हो रही थी। लैंड जिहाद जैसी चीज उत्तराखंड में चलती थी। जो देवभूमि के खिलाफ एक षडयंत्र था। देवभूमि में शांतिपूर्ण माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ दंगारोधी कानून बनाया। यहां कोई दंगा करेगा तो नुकसान की एक-एक पाई की दंगाइयों से भरपाई की जाएगी। ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो। बड़े पैमाने पर बहला फुसला, धमका कर धर्मांतरण कराया जा रहा था। इससे देवभूमि उत्तराखंड की डेमोग्राफी को बदला जा रहा है। धर्मांतरण कानून में 10 साल की सजा का प्रावधान किया है।
सवाल: उत्तराखंड के चुनाव में विशेषकर पर्वतीय लोस सीटों पर कांग्रेस अग्निवीर योजना को चुनावी मुद्दा बना घेर रही है। उनका कहना है कि यह योजना नौजवानों के लिए नाइंसाफी है?
जवाब: कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है। इसलिए कांग्रेस नौजवानों को भटकाना चाहती है। अग्निपथ योजना देश के हित में लाई गई है। यदि योजना में कहीं संशोधन की आवश्यकता है तो रक्षा मंत्री ने इस पर बयान दिया है और इसमें सुधार भी होगा। कांग्रेस ने सैनिकों का अपमान किया है। 40 साल तक रुकी वन रैंक वन पेंशन लागू नहीं की। मोदी सरकार ने इसको लागू किया। मैं भी सैनिक का बेटा हूं। मेरे पिता ने भी वन रैंक वन पेंशन लागू होने पर मुझे भी बधाई दी थी। देश की सीमाओं पर सैनिकों को अच्छे जूते और खाना नहीं मिलता था। पहले आतंकियों पर गोली चलाने के लिए दिल्ली से अनुमति लेनी पड़ती थी। लेकिन पीएम मोदी ने कहा गोली का जवाब गोली से देंगे। उत्तराखंड में पांचवां धाम सैन्य धाम बन रहा है।
सवाल: गढ़वाल और हरिद्वार सीट पर शुरू से ही टिकट को लेकर भाजपा नेतृत्व हिचक रहा था। क्या वास्तव में इन दोनों सीटों पर भाजपा को मेहनत करनी पड़ रही है। आपको क्या लगता है?।
जवाब: चुनाव चुनाव होता है। हम किसी भी चुनाव को गंभीरता से न लें, ऐसा नहीं हो सकता है। पांचों सीटों पर प्रत्याशी कोई भी हो, लेकिन संगठन व सरकार के स्तर पर पहले से तैयारी होती है। कोई जिला ऐसा नहीं है जहां मातृशक्ति, लाभार्थी, युवा सम्मेलन आयोजित न किए हो। प्रत्याशी कोई भी हो इस बार लोग मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट देने जा रहे हैं।
सवाल: राज्य में सामाजिक सुरक्षा का मुद़्दा संवेदनशील है। अपराध को लेकर पहाड़ की महिलाओं में संशय पैदा हुआ है। खासकर अंकिता हत्याकांड को लेकर प्रदेश में संदेश अच्छा नहीं गया। सरकार की तरफ से गिरफ्तारियां भी की गईं, लेकिन अभी तक लोगों के बीच विश्वास नहीं लौटा है?
जवाब: अंकिता भंडारी हत्याकांड बहुत ही दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। वे लोग जिन्होंने मुद्दे उठाए वह अभी कहां पर हैं और क्या कर रहे हैं। ये सब देख रहे हैं। लेकिन सरकार व प्रशासन की तरफ से इस मामले में कोई ढील नहीं दी गई। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि जैसे ही घटना का पता लगा आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। एसआईटी का गठन किया गया। मैं भी अंकिता के परिवार से मिलने गया था। अंकिता हम सबकी बेटी थी। सरकार की ओर से 25 लाख रुपये की परिवार को मदद दी गई। परिवार जो चाहता वो सब किया। मैं समझ नहीं पा रहा हूं। हमारे स्तर पर कोई कमी नहीं है। अब मामला कोर्ट में है। कुछ लोग सीबीआई जांच को लेकर कोर्ट में गए थे। उच्च न्यायालय ने कहा पुलिस की जांच में कमी नहीं है और पुलिस ठीक से काम कर रही है। अब पूरे मामले की चार्जशीट कोर्ट में जा चुकी है। न्यायालय को फैसला करना है। जिनके पास कोई मुद्दे नहीं हैं, वे इसे बेवजह तूल दे रहे हैं। सरकार इसमें कुछ नहीं कर सकती है।