नैनीताल। पुलिस ने अफसाना हत्याकांड के आरोपी को 24 दिन बाद गिरफ्तार कर लिया है। पति ने अवैध संबंध के शक में अफसाना की गला घोंटकर हत्या की थी। वारदात के बाद आरोपी बच्चियों को लेकर मथुरा भाग गया था। रुद्रपुर आने पर पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
शनिवार को पुलिस बहुउद्देश्यीय भवन में एसपी सिटी प्रकाश चंद्र ने बताया कि रुद्रपुर सुभाष कॉलोनी निवासी सौरभ राज ने आठ साल पहले अफसाना से प्रेम विवाह किया था। दोनों पेशे से मजदूरी करते थे। सौरभ पत्नी व दो बेटियों के साथ नीलांचल कॉलोनी फेज में स्थित शिवाजी कॉलोनी में गंगाराम मौर्या के मकान पर किराये पर रहता था। मकान मालिक गंगाराम के अनुसार दोनों पति-पत्नी के बीच अक्सर विवाद होता था। सौरभ आठ अप्रैल की रात करीब 12 बजे घर आया। वह नशे में था और आधी रात पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ था। अगली सुबह करीब चार बजे सौरभ ने कमरे में बाहर से कुंडी लगाई और बच्चों को लेकर फरार हो गया। 10 अप्रैल को पुताई के लिए कुंडा खोला तो अफसाना जमीन पर पेट के बल गिरी थी। शव सड़ चुका था और दुर्गंध उठ रही थी। पुलिस ने अगले दिन अफसाना के पिता ने आरोपी पति सौरभ राज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
एसपी सिटी प्रकाश चंद्र ने बताया कि आरोपी सौरभ राज को पकड़ने के लिए ट्रांसपोर्टर नगर, मंगलपड़ाव चौकी इंचार्ज और एसओजी प्रभारी को लगाया गया था। उन्होंने बताया कि हत्यारोपी मथुरा रेलवे स्टेशन पर छिपा था। तीन मई को वह बच्चों के दस्तावेज लेने के लिए रुद्रपुर आया था, जहां टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इधर, सौरभ ने पुलिस को बताया कि उसे पत्नी के अवैध संबंध होने का शक था, इसलिए दोनों के बीच अक्सर लड़ाई होती थी। आठ अप्रैल को पत्नी ने लड़ाई की तो उसने गुस्से में गला घोंटकर मार डाला। प्रेसवार्ता में सीओ सिटी नितिन लोहनी, कोतवाल उमेश मलिक मौजूद रहे। इधर, एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने घटना का पर्दाफाश करने वाली टीम को ढाई हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है।
पुलिस जांच में सौरभ राज ने बताया कि उसकी पत्नी के दूसरे युवक से अवैध संबंध थे। घटना के पहले दिन पत्नी ने उसे घर से बाहर निकाल दिया था। वह पूरी रात रोडवेज बस अड्डे में रहा। कहा कि जब वह सुबह घर पहुंचा तो उसने अफसाना से चाय बनाने के लिए कहा। अफसाना ने चाय नहीं बनाई। कहा कि वह अपने प्रेमी को फोन कर बुलाने लगी। इस पर उसने पीछे से पत्नी का गला घोंट दिया। एक हाथ से उसका मुंह बंद कर दिया। इस दौरान उसकी बेटी ने पूछा पापा यह क्या कर रहे हो तब उसने कहा कि मम्मी के सिर दर्द है, सिर दबा रहा हूं। इसके बाद उसने चाय बनाई और पी। फिर ई-रिक्शा बुलाया और सीधे रोडवेज पहुंचा। यहां से बस पकड़ी और लालकुआं उतर गया। लालकुआं से ट्रेन पकड़कर मथुरा चला गया।
सौरभ राज मजदूरी करता था। जब वह भागा तो उसके पास पैसे नहीं थे। सौरभ ने बच्चों के खाने के लिए प्रेमपाल नाम के व्यक्ति को मथुरा में मोबाइल बेच दिया। सौरभ राज ने मोबाइल के 200 रुपये मांगे लेकिन प्रेमपाल ने उसे 150 रुपये दिए।
पुलिस ने लोकेशन ट्रेस कर प्रेमपाल को फोन किया तो उसने बरेली में होने के बावजूद कहीं और का पता बता दिया और मोबाइल बंद कर दिया। मंगलपड़ाव चौकी इंचार्ज दिनेश जोशी व एसओजी प्रभारी संजीत राठौर ने उसका इंतजार किया। फिर मोबाइल खुलते ही लोकेशन का पता चल गया। प्रेमपाल घर से निकला ही था कि पुलिस ने उसे पकड़ लिया। प्रेमपाल ने ही पुलिस को बताया कि उसने मथुरा में सौरभ से मोबाइल खरीदा।
आरोपी सौरभ राज ने मोबाइल से अंतिम फोन अपने दोस्त को किया था। फोन की लास्ट लोकेशन बेंगलुरू मिली। ट्रांसपोर्टनगर चौकी इंचार्ज दीपक बिष्ट बेंगलुरू पहुंचे। वहां जब सौरभ राज के दोस्त से बात की तब पता चला कि सौरभ राज मथुरा में है। उधर मंगलपड़ाव चौकी इंचार्ज दिनेश जोशी व एसओजी प्रभारी संजीत राठौर मथुरा पहुंचे। यहां से पता चला कि सौरभ राज अपनी बेटी का एडमिशन कराना चाहता है, उसे जन्म प्रमाण पत्र की जरूरत है और वह रुद्रपुर गया है।