
बारिश बनी मौत की वजह:
मेरठ और आसपास के इलाकों में लगातार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। मवाना में जामुन का पेड़ ट्रक पर गिरा, जिससे ट्रक ने एक बाइक को टक्कर मार दी। हादसे में 30 वर्षीय उवैश और उसकी साढ़े तीन साल की पुत्री निदा की मौत हो गई। पत्नी शहजादी गंभीर रूप से घायल है। ट्रक अनियंत्रित होकर खेत में पलट गया, चालक को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मकानों की छतें गिरीं, बड़ा नुकसान टला:
दौराला के रुहासा गांव में आबिद नामक व्यक्ति के मकान की छत बारिश के कारण गिर गई। सौभाग्यवश घटना के समय मकान में कोई नहीं था, पर मलबे में लाखों का सामान दब गया। सरूरपुर के डाहर गांव में एक बंद मकान की जमीन धंसी, जिससे 300 साल पुराना कुआं दिखाई दिया।
दीवार गिरने से घायल:
पुराने शहर के कोतवाली क्षेत्र में दीवार गिरने से दो युवक घायल हो गए। नगर निगम की लापरवाही से देर रात तक कई जगह जलभराव और बिजली-पानी की समस्या बनी रही।
राज्यमंत्री से महिलाओं की शिकायत:
गुरु पूर्णिमा पर मंदिर आए ऊर्जा राज्यमंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर से महिलाओं ने शिकायत की कि दिल्ली रोड के नाले का गंदा पानी उनके घरों में घुस गया है। राज्यमंत्री ने नगर आयुक्त को फोन कर सफाई के निर्देश दिए और समस्या तीन दिन में हल करने को कहा।
भूकंप के झटकों से दहशत:
बृहस्पतिवार सुबह 9:05 बजे मेरठ समेत दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.4 मापी गई। भूकंप का केंद्र हरियाणा रहा। लोग घरों से बाहर निकल आए। मेरठ भूकंपीय जोन-4 व 5 में आता है।
बारिश से राहत भी:
जुलाई के पहले 10 दिनों में 90.7 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो 10 वर्षों में दूसरा सबसे अधिक आंकड़ा है। बारिश से जहां तापमान 30°C से नीचे आया, वहीं धान, गन्ना और चारे की फसल को लाभ मिला। मेरठ का एक्यूआई भी सुधरकर 60 पर पहुंच गया।
पिछले 10 वर्षों में जुलाई माह में बारिश (मिमी में):
- 2016: 68.0
- 2017: 43.2
- 2018: 17.2
- 2019: 53.4
- 2020: 45.3
- 2021: 18.8
- 2022: 24.2
- 2023: 151.8
- 2024: 56.3
- 2025: 90.7 (अब तक)
निष्कर्ष:
बारिश जहां एक ओर राहत लाती दिखी, वहीं दूसरी ओर हादसों और तबाही की वजह भी बनी। मौसम विभाग और आपदा प्रबंधन को सतर्क रहकर ठोस कदम उठाने की जरूरत है।