
हल्द्वानी |नेशनल गेम्स में राष्ट्रीय पहचान पाने वाला गौलापार अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम अब खेल विश्वविद्यालय को सौंपे जाने की तैयारी में है। इसके बाद यहां क्रिकेट, फुटबॉल, एथलेटिक्स जैसे बड़े खेल आयोजनों की संभावनाएं और प्रबल हो जाएंगी।
स्टेडियम का इतिहास और संरचना
- गौलापार स्टेडियम की नींव 2014 में कांग्रेस सरकार के दौरान रखी गई थी।
- 2018 में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसका लोकार्पण किया।
- 35 हेक्टेयर में फैले इस बहुउद्देश्यीय खेल परिसर में क्रिकेट ग्राउंड, हॉकी, बैडमिंटन कोर्ट, स्विमिंग पूल, शूटिंग रेंज, एथलेटिक्स ट्रैक सहित कई सुविधाएं हैं।
स्टेडियम की उपलब्धियां
- अंतरराष्ट्रीय स्तर की रेसलिंग प्रतियोगिता में स्टेडियम को देशभर में पहचान मिली, जिसे रेसलर द ग्रेट खली की देखरेख में आयोजित किया गया था।
- खिलाड़ियों के लिए यह प्रशिक्षण केंद्र भी रहा है, खासकर तब जब हल्द्वानी का मिनी स्टेडियम निर्माणाधीन था।
खिलाड़ियों के लिए सक्रिय केंद्र
वर्तमान में स्टेडियम में क्रिकेट, एथलेटिक्स, फुटबॉल, ताइक्वांडो, वॉलीबॉल, हॉकी, टेबल टेनिस आदि खेलों में प्रशिक्षण जारी है।
विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा ने कहा—
“गौलापार स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को खेल विश्वविद्यालय को सौंपने की प्रक्रिया चल रही है। इससे विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के खेलों के आयोजन में सहूलियत मिलेगी।”
स्थिति फिलहाल यथावत
हालांकि स्टेडियम को लेकर शासन स्तर से अभी कोई अंतिम आदेश नहीं आया है। नेशनल गेम्स के दौरान क्रिकेट पिच हटाकर फुटबॉल मैच कराए गए थे, लेकिन वर्तमान में वहां विभिन्न खेलों के ट्रायल और प्रशिक्षण जारी हैं।