
देहरादून: सत्य साई ग्राम, मुद्देनहल्ली से एक ऐतिहासिक अवसर पर अंतरराष्ट्रीय शांति और एकता का संदेश पूरे विश्व में गूंज उठा। ‘वन वर्ल्ड वन फैमिली मिशन’ के संस्थापक सद्गुरु श्री मधुसूदन साई को विश्व सांस्कृतिक महोत्सव—2025 के दौरान प्रतिष्ठित “हाइएस्ट पीस लीडर अवॉर्ड 2025” से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें ‘यूनिवर्सल पीस काउंसिल, इज़रायल’ के अध्यक्ष शेख क़ासिम बादर ने प्रदान किया। यह वही पुरस्कार है, जो गत वर्ष पोप फ्रांसिस को दिया गया था, और अब सद्गुरु श्री मधुसूदन साई को विश्व के शीर्ष शांति-दूतों में स्थापित करता है।
इस महोत्सव में 100 देशों से प्रतिनिधियों और प्रतिभागियों ने भाग लिया, जो संस्कृति, मानवतावादी सेवा और संवाद के माध्यम से वैश्विक एकता का उत्सव मना रहे हैं। शेख क़ासिम बादर ने अपने संबोधन में कहा कि आज विश्व को केवल शांति की बातें करने वालों की नहीं बल्कि शांति स्थापित करने वालों की आवश्यकता है, और सद्गुरु मधुसूदन साई उसी धारा के प्रेरक हैं जिनकी प्रेम और सेवा की परिकल्पना ने करोड़ों लोगों के जीवन को बदला है। उनके नेतृत्व में मिशन ने 1.3 करोड़ से अधिक लोगों तक निःशुल्क पोषण, स्वास्थ्य सेवाएँ और मानवीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा पहुँचाई है।
उत्सव के शुरुआती दिनों में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने विश्व की विविधता को एक मंच पर समेटा। स्पेन का फ्लामेंको, न्यूज़ीलैंड का माओरी हाका और भारत के प्रमुख पर्वों कृष्ण जन्माष्टमी, स्वर्ण गौरी व्रत तथा गणेश चतुर्थी की झलकियों ने सभी को मंत्रमुग्ध किया। इस आयोजन में यूक्रेन दूतावास के उप-प्रमुख आर्तेम नॉस्को, यूएई के दूरदर्शी नेता एवं मानवतावादी डॉ. बू अब्दुल्ला और भारत में मंगोलिया के राजदूत गनबोल्ड डाम्बाजव समेत कई वैश्विक नेता और अतिथि शामिल हुए।
समारोह में उन वैश्विक मानवतावादियों को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने अपने कर्तव्य से आगे बढ़कर सेवा कार्य किए हैं। साथ ही 15 से अधिक औद्योगिक संगठनों को भी मान्यता दी गई, जिन्होंने मिशन के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उत्सव का वैश्विक महत्व और बढ़ गया जब इसमें ‘आईएसएफ जुनिकॉर्न ग्लोबल समिट 2026 (दुबई संस्करण)’ का डिजिटल उद्घाटन भी हुआ।
सद्गुरु मधुसूदन साई ने अष्टावक्र गीता की शिक्षाओं पर गहन प्रवचन दिया और इस आयोजन को यह संदेश देते हुए समर्पित किया कि वैश्विक एकता केवल एक आशा नहीं है, बल्कि यह निःस्वार्थ सेवा, करुणा और विश्वास से जी जाने वाली सच्चाई है कि “सम्पूर्ण विश्व एक परिवार है।” सौ दिनों तक चलने वाला यह महोत्सव विश्व को प्रेम, शांति, एकता और सेवा की भावना से जोड़ने की दिशा में एक निरंतर प्रेरणा बनकर आगे बढ़ रहा है