
देहरादून ; परम पूज्य संस्कार प्रणेता, ज्ञानयोगी और जीवन आशा हॉस्पिटल प्रेरणा स्तोत्र के प्रमुख आचार्य श्री 108 सौरभ सागर जी महामुनिराज का 55वां जन्मदिवस “परोपकार दिवस” के रूप में बड़े धूमधाम, भक्ति और उत्साह के साथ मनाया गया। यह विशेष आयोजन श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर एवं जैन भवन, गांधी रोड में संपन्न हुआ।
सुबह 5:30 बजे गुरु भक्तों द्वारा गुरु भक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें उपस्थित श्रद्धालुओं ने आचार्य श्री के प्रति अपने सम्मान और श्रद्धा का प्रदर्शन किया। इसके बाद प्रातः 8:30 बजे जैन भवन प्रांगण में मुख्य जन्मदिवस कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। मीडिया कोऑर्डिनेटर मधु जैन ने बताया कि इस अवसर पर जैन समाज के बच्चों और महिलाओं ने सुंदर भक्ति गीतों और नृत्यों की प्रस्तुतियाँ देकर कार्यक्रम को और भी भक्तिमय बना दिया।
जन्मदिवस समारोह के अवसर पर 31वीं पुष्प वर्षायोग समिति द्वारा विभिन्न परोपकार कार्यों का आयोजन किया गया। इन कार्यों में प्रमुख रूप से दून हॉस्पिटल, ग्राफिक एरा हॉस्पिटल और सुभारती हॉस्पिटल में मरीजों को फल वितरण किया गया। इसके अलावा, जेल में कैदियों को फल वितरण किया गया, असहाय महिलाओं को कंबल प्रदान किए गए और कुष्ठ आश्रम में अनाज तथा फल वितरण किया गया। दून हॉस्पिटल में जन्मी कन्याओं के लिए एफडीआर योजना का लाभ भी प्रदान किया गया।
इस वर्ष, पक्षियों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने के उद्देश्य से 55 पक्षियों को मुक्त कर जीवदया का संदेश दिया गया। ग्राफिक एरा हॉस्पिटल के सहयोग से निःशुल्क स्वास्थ्य और रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें नेत्र, स्त्री, हड्डी, जनरल फिजिशियन और सर्जन विशेषज्ञों ने अपने सेवाएँ प्रदान कीं। शिविर में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया।
कार्यक्रम के दौरान श्री 1008 श्री मज्जिनेंद्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में भगवान के माता-पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त करने वाले श्री अनिल जैन और श्रीमती शशि जैन (रोहिणी, दिल्ली) का पुष्प वर्षायोग समिति, पंचकल्याणक समिति और जैन समाज देहरादून द्वारा सम्मान और मंगल तिलक किया गया।
अपने मंगल आशीर्वचन में पूज्य आचार्य श्री सौरभ सागर जी महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संदेश दिया कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जन्मदिवस को परोपकार दिवस के रूप में मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आजकल लोग अपनी खुशी होटल या भौतिक साधनों में ढूँढते हैं, लेकिन सच्चा सुख सेवा और परोपकार में ही है। उन्होंने सभी को यह प्रेरणा दी कि सेवा के अनेक माध्यम हैं और हर व्यक्ति अपने सामर्थ्य के अनुसार सेवा कर सकता है।
इस अवसर पर पूज्य गुरुदेव के भक्त दिल्ली, मेरठ, गाजियाबाद, सरधना, बीनगंज सहित कई नगरों से पधारे और आचार्य श्री से आशीर्वाद प्राप्त किया। जन्मदिवस समारोह ने श्रद्धालुओं और समाज के लिए सेवा, भक्ति और परोपकार का संदेश देते हुए आयोजन को यादगार बना दिया।