दिल्ली : कथित एसिड अटैक का मामला नाटकीय मोड़ पर पहुंच गया, जब 20 वर्षीय युवती के पिता को मुख्य आरोपी की पत्नी द्वारा दर्ज कराए गए बलात्कार के एक अन्य मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। जांच में यह खुलासा हुआ कि युवती पर कोई एसिड अटैक नहीं हुआ था, बल्कि उसने खुद ही घर से टॉयलेट क्लीनर लेकर अपने हाथों पर डाल लिया था।
पुलिस के अनुसार, दिल्ली विश्वविद्यालय के गैर-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड में बीकॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा ने लक्ष्मीबाई कॉलेज के पास अपने परिचित जितेंद्र सिंह और उसके साथियों ईशान व अरमान पर तेज़ाब फेंकने का आरोप लगाया था। लेकिन जांच में सामने आया कि छात्रा ने अपने पिता अकील खान के कहने पर यह कहानी गढ़ी थी। अकील, जितेंद्र की पत्नी द्वारा दर्ज बलात्कार के मामले का बदला लेना चाहता था।
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस पूछताछ में अकील ने स्वीकार किया कि उसने जितेंद्र की पत्नी की शिकायत से नाराज होकर साजिश रची थी। उसने अपनी बेटी को हमले का नाटक करने के लिए कहा, ताकि जितेंद्र और उसके साथियों को झूठे एसिड अटैक केस में फँसाया जा सके। युवती ने शौचालय साफ करने वाला एसिड खरीदा और अपने हाथों पर डाल लिया, जिससे सतही जलन हुई।
पुलिस को शुरुआत में दीपचंद बंधु अस्पताल से एक घायल महिला के भर्ती होने की सूचना मिली थी। महिला ने बताया था कि तीन लोगों ने मोटरसाइकिल से आकर उस पर तेज़ाब फेंका। शुरुआती जांच में तीनों को आरोपी बताया गया, लेकिन सीसीटीवी फुटेज में जितेंद्र उस समय करोल बाग की पार्किंग में दिखाई दिया।
बाद में अकील के कबूलनामे से सारा मामला पलट गया। पता चला कि जितेंद्र की पत्नी ने पहले ही अकील पर यौन उत्पीड़न और ब्लैकमेलिंग का मामला दर्ज कराया था। उसने आरोप लगाया था कि 2021 से 2024 के बीच अकील ने उसकी फैक्ट्री में काम करते समय जबरन संबंध बनाए और उसकी आपत्तिजनक तस्वीरों से ब्लैकमेल किया।
पुलिस ने बताया कि एसिड अटैक की झूठी कहानी उसी शिकायत का बदला लेने के लिए रची गई थी। फिलहाल अकील को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि जितेंद्र और उसके साथी अब जांच में निर्दोष साबित होते दिख रहे हैं।
