देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज गुरुनानक जयंती और कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा, रेसकोर्स पहुंचे। इस दौरान उन्होंने गुरुद्वारे में मत्था टेका और प्रदेशवासियों सहित देशभर के सिख समुदाय को इस पवित्र पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गुरुद्वारा परिसर में उपस्थित श्रद्धालुओं के साथ संवाद किया और गुरु नानक देव जी के उपदेशों को आत्मसात करने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन और शिक्षाओं के माध्यम से समाज में व्याप्त बुराइयों को समाप्त करने और मानवता, समानता एवं प्रेम का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी का सम्पूर्ण जीवन करुणा, सच्चाई, सेवा और विनम्रता का प्रतीक रहा है। उनकी वाणी हमें यह सिखाती है कि ईश्वर एक है और सभी मनुष्य समान हैं। उन्होंने लोगों को जात-पात, ऊंच-नीच और भेदभाव से ऊपर उठकर समाज में भाईचारे और सौहार्द का संदेश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं आज भी अत्यंत प्रासंगिक हैं और समाज को सही दिशा देने का कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि आज के समय में जब समाज में विभाजन, असमानता और वैचारिक मतभेद जैसी चुनौतियां हैं, ऐसे में गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं हमें प्रेम, सहयोग और एकता के मार्ग पर ले जाती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें गुरु नानक देव जी के उपदेशों को अपने जीवन में अपनाने का प्रयास करना चाहिए ताकि समाज में सामंजस्य, सहिष्णुता और मानवता की भावना को और अधिक मजबूत किया जा सके।
उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं की परंपरा सेवा, बलिदान और निस्वार्थ भाव से प्रेरित रही है। गुरुनानक देव जी से लेकर गुरु गोविंद सिंह जी तक सभी गुरुओं ने समाज में सत्य और धर्म की स्थापना के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने “नाम जपो, किरत करो और वंड छको” का जो संदेश दिया था, वह आज भी हर युग में मानवता की सबसे बड़ी सीख है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश की शांति, समृद्धि और सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा का यह दिन भी हमें प्रकाश और आस्था का संदेश देता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गुरुद्वारे में आयोजित कार्यक्रमों में भाग लिया और श्रद्धालुओं के साथ प्रसाद ग्रहण किया। उन्होंने गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के सदस्यों से मुलाकात कर राज्य में सौहार्द, एकता और धार्मिक सद्भाव को बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास जारी रखने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड जैसे देवभूमि राज्य में सभी धर्मों, संप्रदायों और समुदायों के लोग मिलजुलकर रहते हैं और यही हमारे प्रदेश की सबसे बड़ी शक्ति है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर धर्म और संस्कृति के सम्मान और संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं से प्रेरणा लेकर हम सबको मानवता के कल्याण के लिए समर्पित होना चाहिए। उनका यह दिन केवल सिख समुदाय का पर्व नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेरणा का दिन है।

