उत्तरकाशी। गाजणा क्षेत्र के चौंदियाट गांव में श्रद्धा और उल्लास का प्रतीक गुरु चौरंगी नाथ देवता का पारंपरिक मेला रविवार से शुरू हो गया। यह पांच दिवसीय मेला क्षेत्र की धार्मिक आस्था और लोकसंस्कृति का अद्भुत संगम है, जिसमें सैकड़ों ग्रामीण और श्रद्धालु देव डोलियों के साथ भाग ले रहे हैं।
मेले के पहले दिन चौंदियाट गांव में चौरंगी नाथ देवता की डोली के साथ-साथ हलवा देवता, हुणियां नागराजा, हरि महाराज, खंध्धारी और हुंड देवता की डोलियों ने भी शोभायात्रा में हिस्सा लिया। इस दौरान पूरे गांव में भक्ति, संगीत और नृत्य का माहौल छा गया। ग्रामीणों ने देव डोलियों के संग पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किए और बाहरी अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया।
मेले का सबसे आकर्षक क्षण तब आया जब हलवा देवता के पश्वा अवतरित हुए और परंपरा के अनुसार सात किलो हलवा का प्रसाद ग्रहण किया। यह दृश्य श्रद्धालुओं के लिए अद्भुत और भावनात्मक क्षण रहा, जो मेले की प्रमुख झलकियों में शामिल है।
मेला समिति के अध्यक्ष किशोरी लाल नौटियाल ने बताया कि यह आयोजन पांच दिनों तक चलेगा। पहले दिन का आयोजन चौंदियाट गांव में हुआ, जबकि आगामी दिनों में मेला दिखोली, सौड़, लौदाड़ा और भैटियारा गांवों में क्रमशः आयोजित किया जाएगा। प्रत्येक गांव में देव डोलियों का स्वागत, पूजा-अर्चना और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष भूपेंद्र चौहान, दीपक नौटियाल, जबर सिंह नेगी, मयाराम कंडियाल, नागेंद्र उनियाल, अनिल नौटियाल, पुरुषोत्तम नौटियाल, कुशला प्रसाद, चंद भंडारी और नागेंद्र भंडारी सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
गुरु चौरंगी नाथ देवता का यह मेला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि स्थानीय लोक संस्कृति, सामुदायिक एकता और पारंपरिक कला-संगीत को सहेजने का भी माध्यम है।

