देहरादून। चारधाम यात्रा इस वर्ष 12 दिन और जारी रहेगी, क्योंकि बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को शीतकालीन अवकाश के लिए बंद किए जाएंगे। केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम पहले ही निर्धारित तिथि पर बंद हो चुके हैं, जबकि बदरीनाथ धाम की यात्रा अभी सुचारू रूप से जारी है। अब तक 50.62 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं, जो इस साल की यात्रा को अत्यंत सफल और रिकॉर्ड-तोड़ बनाता है।
धाम में कड़ाके की ठंड लगातार बढ़ रही है, जिसके कारण श्रद्धालुओं की संख्या में भी धीरे-धीरे कमी आने लगी है। पर्यटन विभाग के अनुसार, गुरुवार को लगभग 2500 श्रद्धालुओं ने बदरीनाथ धाम में दर्शन किए। सरकार अब शीतकालीन यात्रा की तैयारियों पर ध्यान दे रही है, क्योंकि नवंबर के मध्य से धाम का तापमान माइनस स्तर तक पहुंचने लगा है।
बदरीनाथ में ठंड इतनी बढ़ चुकी है कि क्षेत्र के कई नाले और जलधाराएं जमने लगी हैं। बामणी गांव के सामने बहने वाली ऋषिगंगा का पानी बर्फ में बदल गया है, वहीं बदरीश झील पर भी बर्फ की परत बनने लगी है। धाम में देर रात तापमान माइनस 8 से लेकर माइनस 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है, जिससे पर्वतीय क्षेत्र में शीतकाल का असर पहले से ज्यादा महसूस किया जा रहा है।
अक्टूबर से ही शुरू हुई कड़ाके की ठंड ने पिछले कुछ दिनों में और जोर पकड़ा है। इसके चलते धाम के आसपास बहने वाले कई नदी–नाले भी जमने लगे हैं। पहाड़ों पर ऋषिगंगा की जलधारा के जम जाने से मौसम की कठोरता और बढ़ती सर्दी का अंदाजा लगाया जा सकता है।
25 नवंबर को कपाट बंद होने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा औपचारिक रूप से समाप्त हो जाएगी और पूरा ध्यान शीतकालीन पूजा व्यवस्था व वैकल्पिक दर्शन स्थलों की ओर केंद्रित होगा।

