पंजाब: पुलिस ने शुक्रवार को यातायात सलाह जारी करते हुए राजपुरा-अंबाला-दिल्ली राजमार्ग को शंभू सीमा पर सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक आम वाहनों के लिए बंद रखने का निर्णय लिया। यह मार्ग जीटी रोड का अहम हिस्सा है और पंजाब की परिवहन प्रणाली की मुख्य धुरी माना जाता है। इसे बंद करने का फैसला कौमी इंसाफ मोर्चा और उससे जुड़ी किसान यूनियनों के विरोध मार्च को देखते हुए लिया गया है। प्रदर्शनकारी शंभू बैरियर की ओर बढ़ रहे हैं, वही स्थान जहाँ फरवरी 2024 से मार्च 2025 के बीच एमएसपी की कानूनी गारंटी को लेकर लंबा आंदोलन चला था।
प्रदर्शनकारी इस बार बंदी सिंहों की रिहाई, किसानों से जुड़े कई सरकारी फैसलों के विरोध और देरी से भुगतान जैसी समस्याओं को उठाने के लिए एकजुट हुए हैं। बिजली संशोधन विधेयक 2025 और गन्ना किसानों के लंबित बकाये जैसे मुद्दे भी इस आंदोलन का हिस्सा हैं। इस आंदोलन के तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए राजपुरा शहर और राजपुरा-ज़ीरकपुर मार्ग पर भारी जाम की आशंका जताई गई है। किसी भी स्थिति से निपटने और सुचारू यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने सभी वैकल्पिक मार्गों पर अतिरिक्त बल तैनात किया है। यात्रियों से इन निर्देशों का पालन करने और पुलिस के साथ सहयोग करने की अपील की गई है।
यह विरोध सिर्फ एक संगठन तक सीमित नहीं है। किसान मजदूर मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) ने भी बकाया भुगतान और नीतिगत सुधारों की मांगों को लेकर इस दौरान संयुक्त प्रदर्शन की योजना बनाई है। किसान मजदूर संघर्ष समिति के प्रमुख सरवन सिंह पंधेर और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के प्रमुख जगजीत सिंह दल्लेवाल ने भी कौमी इंसाफ मोर्चा को अपना समर्थन देते हुए बंदी सिंहों की रिहाई को लेकर आवाज बुलंद की है। पंजाब भर में जारी यह आंदोलन किसानों और मजदूर संगठनों की उन व्यापक चिंताओं को दर्शाता है जो लंबे समय से आर्थिक दबाव, नीतिगत अनिश्चितता और प्रशासनिक उदासीनता से जुड़ी हुई हैं।

