गौतमबुद्धनगर : नगला हुकुम गांव में निर्माणाधीन तीन मंजिला इमारत का लेंटर खोलते समय हुए हादसे ने पूरे इलाके को दहला दिया। बुधवार दोपहर शटरिंग हटाई जा रही थी, तभी अचानक छत भरभराकर नीचे आ गई और वहां काम कर रहे कई मजदूर मलबे के नीचे दब गए। हादसे के तुरंत बाद शुरू हुआ राहत अभियान पूरी रात चला, जिसमें एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार लगी रहीं।
मलबे से निकाले गए मजदूरों को गंभीर हालत में अस्पताल भेजा गया, जहां चार मजदूर—जीशान, शाकिर, नदीम और कामिल—ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। बाकी मजदूरों का इलाज जारी है। जिस समय हादसा हुआ, मजदूर लेंटर की सपोर्ट संरचना यानी शटरिंग खोल रहे थे, लेकिन निर्माणाधीन छत अचानक ढह गई और सब कुछ क्षण भर में मलबे में बदल गया।
घटना के बाद पुलिस ने मौके का निरीक्षण किया और पाया कि निर्माणकारी प्रक्रिया में गंभीर लापरवाही बरती गई थी। मकान मालिक महाबीर पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है और उसकी तलाश की जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि मजदूर बिना किसी सुरक्षा उपकरण के काम कर रहे थे और संरचना की मजबूती की सही तरीके से जांच नहीं की गई थी।
गांव में सुबह तक राहत कार्य चलता रहा। लोग पूरी रात बाहर जमा रहे, किसी को उम्मीद थी कि शायद कोई मजदूर जीवित बाहर निकाला जाएगा। हादसे ने न सिर्फ परिवारों को उजाड़ दिया, बल्कि ग्रामीणों के बीच अवैध या असुरक्षित निर्माण तरीकों को लेकर चिंता भी बढ़ा दी है। अधिकारी अब पूरे मामले की तकनीकी जांच कर रहे हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि छत गिरने की वास्तविक वजह क्या थी और निर्माण में किस स्तर पर चूक हुई।
