देहरादून : उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने गोवा के राज्यपाल पुसापति अशोक गजपति राजू का देवभूमि आगमन पर गर्मजोशी से स्वागत किया। इस अवसर पर दोनों के बीच पर्यटन क्षेत्र में सहयोग और भविष्य की संभावनाओं को लेकर गहन चर्चा हुई। कार्यक्रम के दौरान सतपाल महाराज ने उत्तराखंड के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक पर्यटन की विशेषताओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बताया कि किस तरह प्रदेश सरकार देश एवं दुनिया के अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए लगातार योजनाओं पर कार्य कर रही है।
कैबिनेट मंत्री ने गोवा के राज्यपाल को पर्यटन विभाग द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न अभियानों और नवाचारों की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि उत्तराखंड धार्मिक पर्यटन, साहसिक पर्यटन, वेलनेस पर्यटन और इको टूरिज्म जैसे क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि गोवा और उत्तराखंड दोनों पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य हैं और यदि दोनों राज्यों के बीच पर्यटन गतिविधियों तथा पर्यटन आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया जाए तो इससे न केवल यात्रियों को विविध पर्यटन अनुभव मिलेंगे, बल्कि दोनों राज्यों की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
सतपाल महाराज ने विशेष रूप से उल्लेख किया कि ग्रीष्मकालीन चारधाम यात्रा के पश्चात प्रदेश सरकार ने 24 अक्टूबर 2025 से शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ कर दिया है। उन्होंने बताया कि परंपरागत रूप से चार धाम के कपाट बंद होने के बाद भी श्रद्धालु धार्मिक आस्था के साथ शीतकालीन गद्दी स्थलों पर पूजा-अर्चना और दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इसी परंपरा को सुदृढ़ करते हुए सरकार ने शीतकालीन यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए हैं, जिनमें यात्रा मार्गों के विकास, आवागमन व्यवस्थाओं, आवासीय सुविधाओं और सुरक्षा प्रबंधों को प्राथमिकता दी गई है।
बैठक के दौरान गोवा के राज्यपाल ने उत्तराखंड की पर्यटन क्षमता की सराहना की और दोनों राज्यों के बीच पर्यटन सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई। इस चर्चा से यह संकेत मिला कि भविष्य में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आदान-प्रदान, संयुक्त प्रचार अभियानों तथा आपसी पर्यटन पैकेजों पर भी कार्य किया जा सकता है। कार्यक्रम के अंत में सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड आने वाले यात्रियों के लिए सुरक्षित, सुविधाजनक और श्रेष्ठ अनुभव सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, और शीतकालीन यात्रा को सफल और लोकप्रिय बनाने की दिशा में राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।
