देहरादून : राज्य के शासकीय आवास में आज एक प्रेरणादायी क्षण देखने को मिला, जब कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी से चंपावत निवासी युवा पर्वतारोही वीरेंद्र सिंह सामंत ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर को विशेष बनाते हुए कैबिनेट मंत्री ने वीरेंद्र सिंह सामंत को शॉल और पौधा भेंट कर सम्मानित किया तथा विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह कर देश और उत्तराखंड का मान बढ़ाने के लिए उनकी सराहना की। सम्मान समारोह के दौरान उपस्थित सभी लोगों के बीच गौरव और उत्साह का माहौल देखने को मिला।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि वीरेंद्र सिंह सामंत जैसे युवाओं की उपलब्धियां न केवल प्रदेश को गौरवान्वित करती हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए ऊर्जा और प्रेरणा का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की धरती सदैव प्रतिभाशाली, जांबाज और देश के लिए समर्पित व्यक्तित्वों की जननी रही है, और सामंत द्वारा माउंट एवरेस्ट पर देश का तिरंगा और एनसीसी का ध्वज फहराना इस परंपरा की एक और ऐतिहासिक कड़ी है। मंत्री ने युवा पर्वतारोही के साहस, संकल्प और कठिन परिस्थितियों से जूझते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की क्षमता की खुलकर प्रशंसा की।
गौरतलब है कि वीरेंद्र सिंह सामंत ने 18 मई 2025 को माउंट एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की और शिखर पर पहुंचकर भारतीय तिरंगे एवं एनसीसी के ध्वज को फहराया। यह उपलब्धि न केवल पर्वतारोहण के क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित करती है, बल्कि यह भारत और विशेष रूप से उत्तराखंड के गौरव को विश्वस्तर पर स्थापित करने का भी प्रतीक है। इस सफलता के लिए आवश्यक कठोर प्रशिक्षण, मानसिक दृढ़ता, विपरीत मौसम से संघर्ष और ऊंचाई पर आने वाली चुनौतियों को पार करने में सामंत की जुझारू भावना महत्वपूर्ण रही।
सम्मान समारोह के दौरान कैबिनेट मंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश के युवाओं को उनके सपनों और प्रतिभाओं के अनुरूप प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि वीरेंद्र सिंह सामंत भविष्य में भी अपनी उपलब्धियों का सिलसिला जारी रखेंगे और उत्तराखंड के युवाओं को अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रेरित करते रहेंगे। मंत्री ने पर्वतारोही को आगामी अभियानों और चुनौतियों के लिए अपनी ओर से शुभकामनाएं भी दीं।
समारोह के अंत में वीरेंद्र सिंह सामंत ने सरकार और कैबिनेट मंत्री का आभार व्यक्त किया तथा कहा कि यह सम्मान आगे भी देश के लिए और बड़े लक्ष्य हासिल करने के लिए उन्हें ऊर्जा प्रदान करेगा। उनकी यह उपलब्धि एक बार फिर यह संदेश देती है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।
