सपा ने जातीय गोलबंदी शुरू कर दी है। इस क्रम में विभिन्न जातियों के क्षत्रप अलग-अलग इलाकों में अपनी जाति का सम्मेलन करेंगे। जिस क्षेत्र में पहले चौहान सम्मेलन होगा, वहां अगले सप्ताह मौर्य सम्मेलन किया जाएगा। इसी रणनीति के तहत जातीय जनाधार वाले नेता अपना कार्यक्रम तय कर रहे हैं। इन सम्मेलनों में सपा सरकार में संबंधित जाति के हुए कामों को बताया जाएगा। साथ ही संबंधित जाति के महापुरुषों के जरिए स्वाभिमान जगाया जाएगा।
सपा इस रणनीति के तहत 22 दिसंबर से बाबा साहब भीमराव आंबेडकर जनादेश यात्रा निकालने जा रही है। प्रयागराज सेे शुरू होने वाली पहले चरण की यात्रा बुंदेलखंड का भ्रमण करने के बाद कानपुर में 27 दिसंबर को समाप्त होगी। इसके मद्देनजर पार्टी से जुड़े के विभिन्न संगठनों को जातीय गोलबंदी के निर्देश दिए गए हैं। पार्टी अब तक विभिन्न यात्राओं के जरिए डॉ. राम मनोहर लोहिया के विचारों का ही प्रचार करती रही है। लेकिन पार्टी ने पहली बार डॉ. आंबेडकर के संदेश को प्रचारित करने की रणनीति अपनाई है।
इसके तहत केशवदेव मौर्य, डॉ. संजय चौहान, ओम प्रकाश राजभर, राम अचल राजभर, डॉ. राजपाल कश्यप, महेंद्र कुमार गौड़ सहित अलग-अलग जाति के नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है।समाजवादी बाबा साहब वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर चौधरी के नेतृत्व में निकलने वाली इस यात्रा में डॉ. आंबेडकर के विचारों से संबंधित प्रचार सामग्री बांटी जाएगी।
22 को प्रयागराज से शुरू होने वाली यात्रा तीन दिन इसी जिले में रहेगी। इसके बाद बांदा, चित्रकूट, महोबा, ललितपुर, जालौन, कानपुर ग्रामीण होते हुए 27 दिसंबर को कानपुर नगर पहुंचेगी। इसके बाद दूसरे चरण की यात्रा शुरू होगी।सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि सीट को लेकर किसी भी दल से कोई मतभेद नहीं है। गठबंधन करने से पहले सीटें तय कर ली गई हैं। इसके बाद गठबंधन का एलान किया गया है।