
ऋषिकेश की चंद्रभागा नदी के 40 साल बाद फिर से रौद्र रूप दिखाने की दास्तान बयां करती है।
स्थानीय निवासी गुरु प्रसाद बिजल्वाण ने याद दिलाया कि 1985 में भी चंद्रभागा उफान पर आई थी। उस समय चौदहबीघा की कॉलोनी में पानी घुस गया था। घरों का सारा सामान बर्बाद हो गया और लोग मकानों की छतों पर चढ़कर अपनी जान बचाने को मजबूर हो गए थे। हालात इतने बिगड़े कि प्रशासन को नदी किनारे रेत के कट्टे लगाकर बहाव रोकना पड़ा।
इसके बाद 2005-06 में सिंचाई विभाग ने तटबंध बनवाया, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली और खुद को सुरक्षित मानने लगे। लेकिन इस बार नदी के उफान और रौद्र रूप ने पुराने जख्म ताजा कर दिए। लोग फिर से डरे और सहमे हैं कि कहीं इतिहास खुद को दोहरा न दे।