देहरादून। पूर्व विधायक प्रणव सिंह चैंपियन की कार पर उत्तराखंड में दर्ज चार लंबित ओवरस्पीडिंग चालानों को लेकर परिवहन विभाग (आरटीओ) ने कड़ा रुख अपना लिया है। विभाग ने एक नोटिस तैयार किया है, जिसे बुधवार को चैंपियन को भेजा जाएगा। इस नोटिस में उस चालक की पूरी जानकारी और लाइसेंस मांगा जाएगा, जो आपराधिक घटना के समय कार चला रहा था।
14 नवंबर की रात पूर्व मुख्य सचिव एस. रामास्वामी के बेटे यशोवर्धन और चैंपियन के बेटे दिव्य प्रताप सिंह के बीच हुए विवाद के बाद मामला गंभीर रूप से सुर्खियों में आया। आरोप है कि ओवरटेक न करने पर दिव्य प्रताप ने यशोवर्धन को रोककर उसकी पिटाई की। इस घटना की प्राथमिकी भी दर्ज की जा चुकी है। जिस कार से दिव्य प्रताप ओवरटेक करने की कोशिश कर रहा था, उसके उत्तराखंड, दिल्ली और हरियाणा में कुल 19 चालान दर्ज हैं, जिनमें 18 ओवरस्पीडिंग के हैं और इनमें से चार उत्तराखंड में हुए हैं।
आरटीओ अधिकारियों के अनुसार नोटिस के साथ सभी लंबित चालान संलग्न किए जाएंगे और चैंपियन से पूछा जाएगा कि नियम उल्लंघन के समय कार कौन चला रहा था। संबंधित चालक का लाइसेंस भी विभाग में जमा करना अनिवार्य होगा। यदि जांच में यह पाया गया कि एक ही चालक बार-बार ओवरस्पीडिंग में पकड़ा गया है, तो उसका ड्राइविंग लाइसेंस स्थायी रूप से निरस्त कर दिया जाएगा। इसके साथ ही चालान समय पर न भरने के कारण स्पष्टीकरण भी मांगा जाएगा। 90 दिनों से अधिक पुराने चालान कोर्ट भेजे जाएंगे और विशेष परिस्थितियों में गाड़ी सीज भी की जा सकती है।
परिवहन विभाग बुधवार को यह नोटिस चैंपियन को भेजने जा रहा है, जिसके बाद चालक की पहचान, उसका लाइसेंस और आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
