देहरादून। उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती के अवसर पर आज देहरादून पुलिस लाइन में भव्य रैतिक परेड का आयोजन किया गया। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परेड का निरीक्षण किया और राज्य की उपलब्धियों पर संतोष व्यक्त किया। परेड में उत्तराखंड पुलिस, एनसीसी कैडेट्स, होमगार्ड्स, स्काउट-गाइड्स तथा विभिन्न सांस्कृतिक दलों ने अपनी अनुशासित और उत्कृष्ट प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि यह दिन उत्तराखंड की 25 वर्ष की गौरवशाली यात्रा का प्रतीक है। उन्होंने राज्य के निर्माण और विकास में योगदान देने वाले जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस कर्मियों, शिक्षकों, कर्मचारियों और नागरिकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ने अनेक चुनौतियों और प्राकृतिक आपदाओं का सामना करते हुए आज एक सशक्त राज्य के रूप में अपनी पहचान स्थापित की है।
सीएम धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा, कांवड़ यात्रा, कुंभ मेला जैसे आयोजनों और पर्यटक दबाव के बीच राज्य की कानून व्यवस्था को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती रही है, लेकिन उत्तराखंड पुलिस ने अपने धैर्य, अनुशासन और सेवा भावना से इसे सफलतापूर्वक निभाया है। उन्होंने गर्वपूर्वक बताया कि महिला अपराधों के निराकरण में उत्तराखंड पुलिस ने राष्ट्रीय औसत से दोगुनी सफलता हासिल की है और गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में राज्य देश में पांचवें स्थान पर रहा है। नीति आयोग द्वारा जारी 2023-24 के सतत विकास लक्ष्यों के इंडेक्स में भी उत्तराखंड प्रथम स्थान पर रहा है।
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड पुलिस ने आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए साइबर अपराधों से निपटने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने कहा कि 25 वर्षों में उत्तराखंड केवल चारधाम राज्य नहीं, बल्कि “वैश्विक वेलनेस और योग डेस्टिनेशन” के रूप में भी उभरा है। उन्होंने मातृशक्ति के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि जल, जंगल और पहाड़ों के संरक्षण में महिलाओं की भूमिका अनुकरणीय रही है। राज्यपाल ने युवाओं से आह्वान किया कि वे तकनीक की भाषा समझें और स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दें, ताकि आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त हो सके।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर राज्यहित में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं—
- साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए “साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर” की स्थापना की जाएगी।
- नशा मुक्त उत्तराखंड के लिए एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स का विस्तार किया जाएगा।
- प्रधानमंत्री पोषण योजना के अंतर्गत राजकीय विद्यालयों की “भोजन माताओं” के लिए कल्याण कोष बनाया जाएगा।
- कृषि सुरक्षा हेतु जंगली और आवारा पशुओं से फसलों की रक्षा के लिए “फार्म फेंसिंग पॉलिसी” लाई जाएगी।
- प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण के लिए विशेष संवर्धन योजना प्रारंभ की जाएगी।
- उच्च शिक्षा संस्थानों में कौशल विकास हेतु ऑनलाइन स्किल कोर्स और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए ऑनलाइन कोचिंग उपलब्ध कराई जाएगी।
- केदारखंड मंदिर माला मिशन का विकास “मानसखंड मंदिर माला मिशन” की तर्ज पर किया जाएगा।
- रुद्रप्रयाग जिले को “आदर्श जनपद” के रूप में विकसित किया जाएगा।
- पूर्णागिरि, शारदा कॉरिडोर, आदि कैलाश, अंजनीसेन और बेला केदार क्षेत्र को “स्पिरिचुअल इकोनॉमिक जोन” के रूप में विकसित किया जाएगा।
- प्रत्येक जिला अस्पताल में डायबिटीज क्लीनिक खोले जाएंगे तथा 15 वर्ष तक के बच्चों की डायबिटीज स्क्रीनिंग मुफ्त की जाएगी।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री दोनों ने उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का संकल्प दोहराया और सभी नागरिकों से इस दिशा में सहयोग का आह्वान किया।

